उत्तराखंड में हर साल शादी विवाह का सीजन चलता रहता है लेकिन कुछ ऐसी शादियां भी होती हैं जो समाज में अपनी अलग छाप और अलग पहचान के साथ-साथ एक अलग संदेश देने का काम भी करती है.ऐसी एक शादी होने वाली है जिसमें पहाड़ी ब्यौला रोहित नेगी और ब्यौली वंदना बिष्ट 8 मई को
उत्तराखंड में हर साल शादी विवाह का सीजन चलता रहता है लेकिन कुछ ऐसी शादियां भी होती हैं जो समाज में अपनी अलग छाप और अलग पहचान के साथ-साथ एक अलग संदेश देने का काम भी करती है.ऐसी एक शादी होने वाली है जिसमें पहाड़ी ब्यौला रोहित नेगी और ब्यौली वंदना बिष्ट 8 मई को विवाह के बंधन में बंधने जा रहे हैं. इस शादी में सबसे खास बात यह है कि जहां उत्तराखंड की शादियों में शराब परोसने का बोलबाला रहता है. वहीं ये शादी पूर्ण रूप से शराब मुक्त होगी. रोहित नेगी के होने वाली इस शादी में किसी भी प्रकार के मांस-मंदिरा पर प्रतिबंधन रहेगा. इसके साथ विवाह का ये कार्ड मातृभाषा गढ़वाली में छपा है जो कि लोगों को अपनी मातृभाषा के प्रति प्रेम और लुप्त होती गढ़वाली, कुमांउनी और जौनसारी को बचाने का संदेश दे रहा है. रोहित नेगी पेशे कम्प्यूटर इंजीनियर और समाजिक कार्यकर्ता हैं.वो लाखों की सैलरी महीने में लेते हैं. रोहित उत्तराखंड के विभिन्न आंदोलनो से जुड़े हुए हैं. जिसमें चकबंदी आंदोलन, मैती आंदोलन समेत कई उत्तराखंड के कई जनहित के मुद्दों पर अपनी मुखर आवाज़ रखते हैं.आपको बता दें रोहित नेगी का कार्ड इन दिनों सोशल मीडिया में भी काफी वायरल हो रहा है जहां हर तरफ लोगों द्वारा उनके गढ़वाली भाषा में कार्ड छपवाने और शराब न पिलाने के फैसले की सराहना की जा रही है. इंजीनियर रोहित नेगी के कार्ड में पर्वत की पुकार के नाम से एक गीत भी छपा है.जिसमें उत्तराखंड के युवाओ को आह्वान किया गया है. नीचे दी गई फोटों में आप इस गीत को पूरा पढ़ सकते हैं.

इस गीत की रचना उत्तराखंड की लोकगीतकार एवं कवि नीता कुकरेती ने की है.रोहित नेगी ने आजाद प्रेस से बातचीत में कहा कि वो चकबंदी अभियान से जुड़े हैं और पहाड़ के दर्द का उन्हे बहुत से पता है. उत्तराखंड में बढ़ते शराब के चलन के कारण युवा पीढ़ी का भविष्य नशे की गिरफ्त में जा रहा है.इसके साथ ही उन्होने आजाद प्रेस से कहा कि उत्तराखँड में बढ़ते शराब के चलन से लोगों के घर परिवार भी बर्बाद हो रहे हैं. उनकी शादी में मांस-मंदिरा का सेवन न होने के कारण कई लोग नाराज होंगे पर वो कहते हैं कि उससे उन्हे फर्क नहीं पड़ता. उन्होने का कि उन्हें अपनी शादी में शराब ना पिलाने संदेश देना पर्वतीय क्षेत्र के हित में सबसे उचित लगा.एक तरफ जहां उत्तराखंड की धामी सरकार शराब के दामों में छूठ देकर शराब का चलन बढाकर वाहवाही लुटने की कोशिश कर रही है वहीं रोहित नेगी जैसे युवा भी हैं जो समाज को शराब मुक्त होने का संदेश दे रहे हैं.आजाद प्रेस की तरफ से रोहित नेगी और वंदना बिष्ट को शादी की बहुत बहुत शुभकामनाएं.
अमित गुंसाई
देहरादून
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