उत्तराखंड के लोग आज देश के साथ दुनिया में फैले हुए हैं जो कि अपनी सांस्कृतिक विरासत और अपनी कार्यकुशलता के दम पर अपना अलग मुकाम बनाए हुए हैं. समाज को संगठित करने और संस्कृति के प्रचार प्रसार के लिए देश और विदेशों में कई संस्थायें सालों पहले बनीं हुई हैं. कुछ संस्थाओ का निर्माण
उत्तराखंड के लोग आज देश के साथ दुनिया में फैले हुए हैं जो कि अपनी सांस्कृतिक विरासत और अपनी कार्यकुशलता के दम पर अपना अलग मुकाम बनाए हुए हैं. समाज को संगठित करने और संस्कृति के प्रचार प्रसार के लिए देश और विदेशों में कई संस्थायें सालों पहले बनीं हुई हैं. कुछ संस्थाओ का निर्माण तो आजादी के समय से भी पहले हो चुका था. इन्ही समाजिक संस्थाओ में एक है गढ़वाल भ्रांत सम्मेलन आगरा(गढ़वाल सभा आगरा).जिसका स्थापना 1959 में की गई.गढ़वाल सभा आगरा का उद्देश्य उत्तराखंड के लोगों को संगठित करके सामाजिक और सांस्कृतिक चेतना को बढ़ाना है.गढ़वाल सभा आगरा की नई कार्यकारिणी कार्यकारिणी का गठन आज आगरा कॉलेज के सामने नगरीय प्रचारणी में चुनाव संपन्न हुआ.
जिसमें दीपक रावत, अध्यक्ष राजेंद्र घिल्डियाल सचिव,राकेश डिमरी को उपाध्यक्ष, धनेश द्विवेदी को उपसचिव, दिनेश नेगी को कोषाध्यक्ष, रामनरेश दिवेदी को सहकोषाध्यक्ष, दयाल सिंह पंवार लेखा परीक्षक सांस्कृतिक सचिव, कुलदीप रावत सह सांस्कृतिक सचिव अनिल,दीपक मिश्रा मीडिया प्रभारी, हेमंत शर्मा संगठन सचिव, मुकुल खंडूरी सह संगठन सचिव के अलावा मुकेश गोस्वामी, नंदन सिंह रावत, जयराज सजवान को क्षेत्र प्रतिनिधि बनाया गया.
गढ़वाल सभा आगरा की कार्यकारिणी में दीपक रावत अध्यक्ष, राजेन्द्र घिल्डियाल सचिव बनें.इसके साथ ही राकेश डिमरी को उपाध्यक्ष, धनेश द्विवेदी को उपसचिव, दिनेश नेगी को कोषाध्यक्ष, रामनरेश दिवेदी को सहकोषाध्यक्ष,दयाल पंवार लेखा परीक्षक, सांस्कृतिक सचिव कुलदीप रावत और सह सांस्कृतिक सचिव अनिल. दीपक मिश्रा मीडिया प्रभारी, हेमंत शर्मा संगठन सचिव, मुकुल खंडूरी संगठन सचिव के अलावा मुकेश गोस्वामी, नंदन सिंह रावत, जयराज सजवान को क्षेत्र का प्रतिनिधि नियुक्त किया गया.
आपको बता दें गढ़वाल सभा के द्वारा इसी साल आगरा में कौथिक का आयोजन भी कराया गया था. जिसमें कई उत्तराखंडी लोककलाकार कलाकार भी आये थे. इसके सभा के द्वारा हर साल रामलीला का आयोजन कराया जाता है. साथ ही गढ़वाल सभा आगरा के द्वारा उत्तराखंडी समाज के लोगों के साथ होली मिलन समारोह का भी आयोजन किया जाता है. आजाद प्रेस से बातचीत में संस्था के सचिव राजेन्द्र घिल्डियाल ने बताया कि संस्था का मकसद प्रवासी उत्तराखंडियों के बीच अपनी मिट्टी की पहचान और युवा पीढ़ी को अपनी जड़ो से जोड़ना है.
अमित गुंसाई, देहरादून
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