मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरेला पर्व के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास परिसर में वृक्षारोपण किया। उन्होंने आम की पूषा श्रेष्ठ प्रजाति का पौधा लगाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरेला प्रकृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन का पर्व है। हरेला पर्व के उपलक्ष्य में प्रदेश में सामाजिक संगठनों, संस्थाओं एवं विभागों के माध्यम से व्यापक स्तर
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरेला पर्व के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास परिसर में वृक्षारोपण किया। उन्होंने आम की पूषा श्रेष्ठ प्रजाति का पौधा लगाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरेला प्रकृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन का पर्व है। हरेला पर्व के उपलक्ष्य में प्रदेश में सामाजिक संगठनों, संस्थाओं एवं विभागों के माध्यम से व्यापक स्तर से वृक्षारोपण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संरक्षण एवं जल धाराओं के पुनर्जीवन की दिशा में राज्य में अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा देश में जल संरक्षण और संवर्द्धन के लिए सभी को आगे आने का अहवाहन किया गया है। राज्य में इस दिशा में तेजी से कार्य हो रहे हैं। राज्य में 1200 से अधिक अमृत सरोवर बनाए गए हैं। इस दिशा में आगे भी लगातार कार्य होंगे।
हरेला पर्व के अवसर पर गीता पुष्कर धामी एवं कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने भी वृक्षारोपण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री आवास में विभिन्न प्रजातियों के 51 पौधे लगाए गए। इस अवसर पर अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान, मुख्य वन संरक्षक वन पंचायत डॉ. पराग मधुकर धकाते, मुख्य उद्यान अधिकारी डॉ. मीनाक्षी जोशी, उद्यान प्रभारी दीपक पुरोहित उपस्थित थे।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में हरेला पर्व का आयोजन
दून में रायपुर स्थित अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में हरेला पर्व का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, वन मंत्री सुबोध उनियाल, टिहरी संसद माला राज्य लक्ष्मी शाह, विधायक उमेश शर्मा काऊ, महापौर सुनील उनियाल गामा,प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु व प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक ने दीप प्रज्वलित कर की कार्यक्रम की शुरुआत की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को हरेला पर्व की शुभकामनाएं दी। कहा कि यह आत्मचिंतन का और संकल्पित होकर आगे बढ़ने का दिन है। हम सिर्फ एक कार्यक्रम तक ही सीमित न रहें। इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। पौधा रौपकर उसके संरक्षण का भी संकल्प लें। कहा कि प्राकृतिक जल स्रोतों को पुनर्जीवित करना जरूरी है। जल संचयन वाले अधिकाधिक पौधे लगाएं। उत्तराखंड की गैर हिमालयी नदियों के अस्तित्व पर संकट आ गया है। इन नदियों के उद्गम स्रोतों में पानी घट रहा है। प्रदेशभर में 988 एमएलडी के सापेक्ष मात्र 648 एमएलडी पानी की ही सप्लाई हो पा रही है। इस ओर गंभीरता से चिंतन करना होगा।
कार्यक्रम में लोक गायिका पद्मश्री डा. माधुरी बड़थ्वाल व उनकी टीम ने मांगल गीत की प्रस्तुति दी। अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज सौड़ा सरोली की छात्राओं ने लोक नृत्य की प्रस्तुति दी। इस दौरान प्रदेश के विभिन्न वन प्रभाग में जन सहभागिता से पौधारोपण किया गया। जिसकी कार्यक्रम स्थल पर लाइव स्ट्रीमिंग की गई। 45 वन प्रभाग में हरेला वन के लिए स्थान चिन्हित किए गए हैं। जहां पांच वर्ष तक पौधारोपण किया जाता रहेगा।
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