उत्तराखंड की संस्कृति में यहां के गीत और संस्कृति का बहुत बड़ा महत्व है. यहां के लोक कलाकारों के द्वारा कई रचनायें की गई जिनसे पहाड़ का व्यक्ति हमेशा से जुड़ा हुआ महसूस करता है. ऐसे ही एक लेखक, लोक अभिनेता और समाजिक कार्यकर्ता थे स्वर्गीय दयालधर तिवारी. जिनकी लिखी रचना घास गड़ोली को दिल्ली
उत्तराखंड की संस्कृति में यहां के गीत और संस्कृति का बहुत बड़ा महत्व है. यहां के लोक कलाकारों के द्वारा कई रचनायें की गई जिनसे पहाड़ का व्यक्ति हमेशा से जुड़ा हुआ महसूस करता है. ऐसे ही एक लेखक, लोक अभिनेता और समाजिक कार्यकर्ता थे स्वर्गीय दयालधर तिवारी. जिनकी लिखी रचना घास गड़ोली को दिल्ली के गढ़वाल भवन के सभागार में गढ़वाल हितैषणी सभा की साहित्य सचिव और गायिका मनोरमा तिवारी भट्ट के द्वारा वीडियो लॉन्च करके अपने पिता स्व. दयालधर तिवारी को याद किया गया.इस गीत को मनोरमा तिवारी भट्ट और पदम गुसांई के द्वारा गाया गया है.
आपको बता दें स्वर्गीय दयालधर तिवारी ने लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी के गीत नौछमी नारेणा में उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय नारायण दत्त तिवारी का रोल निभाया था. तत्कालीन तिवारी सरकार ने इस गाने को लेकर काफी आपत्ति भी जताई थी. नौछमी नारैणी गाना में सरकारी नीतियी की जमकर आलोचना हुई थी. जिसमें स्वर्गीय अभिनेता दयालधर तिवारी ने अपने अभिनय से जनता के बीच में जमकर वाहवाही लूटी थी.
गढ़वाल भवन के सभागार में के कार्यक्रम में आये हुए लोगो ने दयालघर तिवारी को याद करते हुए उनको श्रदांजलि दी और उनकी यादों को ताजा किया.”घास गड़ोली” गीत को लोकगायिका कल्पना चौहान, संगीतकार राजेन्द्र चौहान, कांग्रेस के नेता हरिपाल रावत, पूर्व राज्य मंत्री गणेश चंद्रा और तिवारी परिवार के लोगो के द्वारा लॉन्च किया गया.इस मौके पर उनको याद करते हुए लोकगीत भी गाए गये..
कार्यक्रम में कांग्रेस के नेता हरिपाल रावत ने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति और भाषा यहां के जीवन की रीढ़ है जिसे बचाये जाने की जरूरत है.स्वर्गीय दयालधर तिवारी को श्रदांजलि देते हुए उन्होने कहा कि उत्तराखंडी समाज के लिए उनका योगदान अतुनीय है जिसे कभी नहीं भुलाया जा सकता है.
इस मौके पर गढ़वाल सभा के महासचिव मंगल सिंह नेगी, सचिव मुरारी लाल खंडूरी, यशोदा घिल्डियाल, कवि साहित्यकार और फिल्म जगत से जुड़े लोगों ने शिरकत की. कार्यक्रम का संचालन साहित्यकार दिनेश ध्यानी और रिया शर्मा के द्वारा की गई. कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन ज्ञानदेव कोठारी के द्वारा किया गया.इस मौके पेशावर कांड के नायक “कामरेड वीर चंद्र सिंह गढ़वाली” को भी याद किया गया. साथ ही इस मौके पर साहित्यकार रमेश चन्द्र घिल्डियाल, अनिल पंत, जयपाल रावत, जगमोहन सिंह रावत जगमोरा, द्वारिका प्रसाद चमोली, भगवती जुयाल गढ़देशी और चन्दन प्रेमी सहित कई लोग मौजूद रहे.
अमित गुसांई, देहरादून
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Mangal singh negi Negi
April 25, 2023, 6:54 amअपने दिवंगत पिता की उस धरोहर को जिसके लिए वे जाने जाते थे उस कार्य को उनकी सुपुत्री श्रीमती मनोरम तिवारी भट्ट जी ने अपने पिता पूण्य स्मृति में जो गीत लांच किया, सच कहूँ इससे बड़ी श्रधंजलि और क्या हो सकती, बहुत ही सुन्दर। मनोरमा जी आपको बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं।
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