देहरादून से टिहरी को सुरंग के माध्यम से जोड़ने की कवायद शुरू हो गयी है.एनएचआई यानी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से देहरादून को टिहरी से जोड़ने वाली परियोजना को जोड़ने की रिपोर्ट केंद्र सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को सौंप दी गई है. आपको बता दें इस सुरंग के बन जाने से देहरादून से टिहरी की दूरी
देहरादून से टिहरी को सुरंग के माध्यम से जोड़ने की कवायद शुरू हो गयी है.एनएचआई यानी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से देहरादून को टिहरी से जोड़ने वाली परियोजना को जोड़ने की रिपोर्ट केंद्र सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को सौंप दी गई है.
आपको बता दें इस सुरंग के बन जाने से देहरादून से टिहरी की दूरी करीब एक घंटे में पूरी की जा सकेगी. देहरादून से टिहरी की दूरी करीब सौ किमी है, सुरंग बन जाने के बाद यह दूरी करीब 37 किमी रह जाएगी. इस सुरंग की शुरुआत रानीपोखरी में स्थित मनसा देवी मंदिर के पास से की जाएगी. इससे आगे यह टुकड़ों में आगे बढ़ेगी. इसमें चार से पांच किमी लंबाई की कुल चार से पांच सुरंगें बनाई जाएंगी.जिनकी लंबाई करीब 18 से 20 किमी तक होगी.इसके साथ ही बीच में दो किमी लंबी एक एलीवेटेड रोड भी बनाई जाएगी,साथ ही कुछ जगहों पर नए ब्रिज भी बनाए जाएंगे. इसका कुछ हिस्सा पहले से निर्मित सड़को से होकर गुजरेगा,एनएचएआई के अधिकारियों द्वारा रिपोर्ट को केन्द्र सरकार को सौंप दी है. साथ ही फिजिबिलिटी और जिओलॉजिकल स्टडी पर भी काम शुरू कर दिया गया है. परियोजना को लेकर स्थानीय लोगों के साथ कई स्टेक होल्डर की राय भी ली जा रही है. परियोजना पर पहले साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान लगाया गया है.
बहराल यह योजना कब शुरू होगी इसका अभी तक पता नहीं है परन्तु यह योजना यदि सही से धरातल पर उतरती है तो यह मेगा प्रोजेक्ट उत्तराखंड के मील का पत्थर साबित होगा. टिहरी डैंम के बनने के कारण टिहरी के लोगों का बडे स्तर पर पलायन हुआ है और यहां पर रोजगार से साधन भी खत्म हो गए हैं. ऐसे में ये योजना स्थानीय लोगों को रोजगार के साथ-साथ टूरिस्टों को अपनी तक आर्कषित करेगी. टूरिस्ट बड़ी आसानी से टिहरी झील घूमने जा सकेंगे.
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