उत्तराखंड में पिछले चार-पांच दिनों से बरस रहे बादलों ने प्रदेश की लाइफ लाइन पर ब्रेक लगा दी है। वहीं, लगातार बारिश के कारण कई क्षेत्र आपदाग्रस्त हैं। इस दौरान आपदा में विभिन्न कारणों से 18 लोगाें की मौत हो चुकी है, जबकि 18 लोग घायल हुए हैं। वहीं, इन मानसून सीजन में अब तक 17
उत्तराखंड में पिछले चार-पांच दिनों से बरस रहे बादलों ने प्रदेश की लाइफ लाइन पर ब्रेक लगा दी है। वहीं, लगातार बारिश के कारण कई क्षेत्र आपदाग्रस्त हैं। इस दौरान आपदा में विभिन्न कारणों से 18 लोगाें की मौत हो चुकी है, जबकि 18 लोग घायल हुए हैं। वहीं, इन मानसून सीजन में अब तक 17 से ज्यादा सड़कें बंद हो चुकी हैं, इनमें से 1253 सड़कों को खोला जा चुका है। इसके अलावा आठ पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं। पुलों और सड़कों को पूर्ववत स्थिति में लाने के लिए लोनिवि की ओर से अब तक 5642.24 लाख रुपये खर्च होने का आकलन किया गया है।
आपदा प्रबंधन विभाग के राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, बुधवार को विभिन्न वजहों से कुल आठ लोगों की मौत और 14 लोग घायल हुए हैं। गुरुवार को केदारनाथ मार्ग पर एक युवती की मौत हो गई। जबकि 15 जून से अब तक कुल 18 लोग मौत का ग्रास बन चुके हैं, 18 लोग घायल हुए हैं।
देहरादून जिले में तीन की मौत, तीन घायल हुए हैं। जबकि उत्तरकाशी में चार की मौत, 10 घायल, रुद्रप्रयाग में एक की मौत और पौड़ी में एक व्यक्ति घायल हुआ है। इसी तरह से अब तक 17 बड़े पशुओं और 289 छोटे पशुओं की मौत हो चुकी है। इसके अलावा 76 घरों को आंशिक, 16 को भारी क्षति और 14 घर पूरी तरह से ध्वस्त हुए हैं।
वहीं, फिलहाल प्रदेश में 449 सड़कें बंद हैं। इस मानसून सीजन में सड़कों के बंद होने की यह पहली बड़ी संख्या है। इससे पर्वतीय क्षेत्रों की यात्रा पर निकले लोग और तीर्थयात्री जगह-जगह फंसे हुए हैं। ग्रामीण सड़कों का बुरा हाल है। सैकड़ों गांवों का संपर्क जिला मुख्यालयों से कट गया है। इधर, सरकार ने लोगों से भारी बारिश में पहाड़ों की यात्रा नहीं करने की सलाह दी है।
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